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( 128 ) अभाव मे नए प्रमेयो कोमोज का दार . हा गया । सत्यमी योजफे तीन साधन हैं
1 निरीक्षण (Observation) 2 अनुमान या तक (Logic! 3 परीक्षण (Experiment)
मान-विनान की जितनी मालाए हैं दन, भौतियाविनान, मनोविकान, वनस्पतिविज्ञान उन मयको वास्तविकतानो का पता ही नावनो मेनगाया जाता है। इन्ही पद्धतियो मे हम सत्य को खोजते न्हे हैं जब मे हमने सत्य की खोज प्रारम्भ की है।
दन की धारा में नए-नए प्रमेय माने गए हैं, वे निरीक्षण के द्वारा ही खोजे जा सकते हैं। जब हमारे दानिक निरीक्षण की पद्धति को जानते थे तब प्रमेयो की खोज हो रही थी। जब तक-मीमासा ने बुद्धि पी प्रधानता उपस्थित कर दी, तर्क का अतिरिक्त मूल्य हो गया नव निरीक्षण की परति दानिक के हार से टूट गई। वह विस्मृति के गर्न मे जाकर लुप्त हो गई। प्राज किमी को दार्शनि५. कहने की अपेक्षा दर्शन का व्याख्याता कहना अधिक उपयुक्त हो।।। दानिक व हुए हैं जिन्होने अपने सूक्ष्म निरीक्षणों के द्वारा प्रमेयो की पोज की है, न्यापना की है। इन पन्द्रह शताब्दियो मे नए प्रमेयो की खोज या स्थापना नहीं हुई है, केवल अतीत के दार्शनिको के द्वारा खोजे गए प्रमेयो की पर्चा हुई है, पालोचना हुई है, खडन-मइन हुआ है। सूक्ष्म निरीक्षण के अभाव मे इनमे अतिरिक्त कुछ होने की श्रागा भी नहीं की जा सकती। सूक्ष्म निगम की एक विशिष्ट प्रक्रिया थी। उसका प्रतिनिधि सन्द है अतीन्द्रियजान ।
__ वर्तमान विज्ञान ने नए प्रमेयो, गुण-धमों और सम्बन्धो की खोज की है, उसका कारण भी अतीन्द्रियज्ञान है । मैं नहीं मानता कि आज के वैज्ञानिक ने अतीन्द्रियनान की पद्धति विकसित नही की है। उसके विकास का मार्ग भिन्न हो सकता है किन्तु जो तथ्य इन्द्रियो से नही जाने जा सकते, उन्हें जानने के साधन विज्ञान ने उपल० किए हैं । अतीन्द्रियज्ञान के तीन विषय हैं सूक्ष्म, व्यवहित और विप्रकृ५८ (दूरस्य) । इन्द्रियो के द्वारा सूक्ष्म, व्यवहित और विप्रकृष्ट तथ्य नही जाने जा सकते । आज का वैज्ञानिक सूक्ष्म का निरीक्षण करता है। तर्क की भाषा मे जो चाक्षुप नही है, जिन्हे हम धर्मचक्षु से नही देख सकते, उन्हे वह सूक्ष्मवीक्षण (Microscope) यत्र के द्वारा देखता है। इस सूक्ष्मवीक्षण यंत्र को मैं अतीन्द्रिय उपकरण मानता है । यह अतीन्द्रियज्ञान मे सहायक होता है। जो इन्द्रिय से नहीं देखा जाता वह उससे देखा जाता है। व्यवहित को जानने के लिए 'एक्सरे' की कोटि के यत्रो का आविष्कार हुआ है। उनके द्वारा एक वस्तु को पार कर दूसरी