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શ્રી જેરારીવન્દ્ર જુનિયા, રાધેશ્યામ ર ન પુત્ર યામ ને માવો જે ટેપ ले उन्हे सुरक्षित कर लिए । मुनि दुलह राजजी ने उन्हें सपादित किया और परिशिष्ट भी तैयार किए । प्रति-मेलन मे मुनि राजेन्द्रकुमारजी ने सहयोग दिया। वे भाषण अब तक एक पुस्तक के रूप मे प्रस्तुत हैं । राजस्थान विश्वविद्यालय 'जन विद्या अनुशीलन केन्द्र' के प्रथम पुष्प के रूप मे इसे प्रकाशित कर पाठको के सामने प्रस्तुत कर रहा है यह भगवान महावीर की पचीसवी निवारण शताब्दी के अवसर पर राजस्थान विश्वविद्यालय तथा हम सबकी भगवान महावीर के प्रति श्रद्धापूर्ण भावाजलि होगी।
जैन विश्व भारती, लाडनू (राजस्थान) 10-5-76
मुनि नयमल