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की जाय। जेनेतर लोगो के लिये छोटी-छोटी पुस्तके सुलभ भाषा मे छपवाकर वितरित की जाय । भगवान् महावीर के जीवन पर चित्रो व लेखो का संकलन कर उसे प्रकाशित किया जाय। अगले वर्ष भगवान महावीर का २५०० वॉ निर्वाणोत्सव मनाना है, समय कम है। अतः समस्त जैन समाज को संगठित होकर इस कार्य को शीघ्र आरम्भ कर देना चाहिये।
सामूहिक क्षमपना सम्मेलन
रविवार ता० २४ दिसम्बर १६७२ को प्रातः कलकत्ते के मैदान (शहीद मिनार ) में श्री जैन सभा के तत्वावधान मे-श्री विजयसिह नाहर की अध्यक्षता में सामूहिक क्षमापना सम्मेलन का विराट आयोजन किया गया। इसमें दस हजार से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे। विभिन्न जैन सम्प्रदाय के कई साधु-साध्वी भी इस सम्मेलन में उपस्थित थे। सम्मेलन के एक दृश्य का चित्र इस स्मारिका में प्रकाशित किया जा रहा है।
विविध
स्मारिका के लिये भेजने वाले लेखको व विज्ञापन दाताओ के हम आभारी है। श्री जैन भवन के सहयोग से स्मारिकामें पश्चिम बगाल, उडीसा व तामिलनाडु के प्राचीन चित्र प्रकाशित किये गये हैं। स्मारिका भगवान महावीर के सिद्धान्तो के प्रचार हेतु प्रकाशित की जा रही है और आशा है हमारा यह प्रयास सफल होगा । स्थानीय पत्रो के भी हम आभारी है जिसमें लेख छप रहे हैं तथा जो समय-समय पर इस सम्बन्ध में सूचना प्रसारित करते रहते हैं।
अन्त में समिति के पदाधिकारियो व सदस्यो का भी मै आभारी हूँ जिनके सहयोग से महावीर जयन्ती समारोह सम्बन्धित कार्य व स्मारिका का प्रकाशन, सम्भव हो सके हैं।
कमलकुमार जैन
संयोजक