________________
( ४० ) __यहां कुछ ऐसी भाषाओं में वर्णित राम के सद्गुणों का उल्लेख किया जा रहा
है जो सहज प्राप्य नहीं हैं। नेपाली भाषा में
नेपाली भाषा में 'भानुभक्त को रामायण' एक उत्तम काव्य ग्रन्थ है । वन गमन के अवसर पर राम अपने क्रोधित अनुज लक्ष्मण को शान्त करने के लिए समझाते हैं
यस्तै हो सुन कर्म का वश हुँदा यस्तैन् एक ठाम रही।। फस्तै कोहि हवस् अवश्य करले जानू छ जहाँ गई ॥ कम को फलभोग गर्छ दुनियां ये चित्रमा लेउ भाई। .
-श्री अयोध्या काण्ड ३०३६ अर्थात्-शान्त होकर सुनो ! कर्म के वश होकर अब तक हम एक स्थान पर रहते थे। कितनी भी किसी की आकांक्षा हो, जो करना हो उसे भले ही कर डालो; किन्तु मैं जानता हूँ कि जो प्रयत्न की (गति) अवश्य होती है। हे भाई लक्ष्मण ! लेकिन यह बात हृदय में विश्वास करके रख लो कि इस संसार में सबको कर्म का फल अवश्य ही भोगना पड़ता है ।
एशिया के हृदयांचल में भी राम के उज्ज्वल चरित्र का आलोक फैला।
सन् ४७२ ई० में चीनी लेखक 'चि-चिआ-य' ने अपने ग्रन्थ 'त्सा-पाओत्सांड' का प्रारम्भ ही रामायण से किया। राम आदि चारों भाइयों के पारस्परिक प्रेम और उसका जनता पर प्रभाव बताते हुए वह लिखता है___'पिउङ् ति तुन् मु । फङ्-षिङ ता षिङ् । ताङचि सो पेइ १० युआन म लाइ । जन स्स त्स छुआन् फ्रङ शि षिआउ चिङ् ।
अर्थात्-भाइयों (श्री राम और उनके भाई) में अतिशय प्रेम था। एक दूसरे के प्रति प्रेम और आदर था। लोकचर्या पर इनका पूर्ण प्रभाव हुआ। सदाचार सभी और व्याप्त हो गया। सम्पूर्ण जन सदाचार में इन चारों भाइयों के अनुगामी हो गये ।
एशिया के सबसे उत्तर में शिविर देश (साइबेरिया) है । वहाँ के बुर्यात्