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श्रीशांतिनाथनों रास खंम बीजो. ।। प्रत्ये, पाठवीयो तिण वाय ॥ पोतनपुर पहोतो तुरत, जाइ विन जीवियो राय ॥ ७ ॥
॥ ढाल वीजी॥ एं... ॥धाव टकानो कंकणो रे॥ नणदल॥ थरकी रही मोरी बांह ॥ कंकण मोल ॥ लीयो ॥ए देशी ॥ दूत कहे कर जोडीने रे॥ साहिवा ॥ सुण प्रजापति स्वामि॥ गु : वारू वयण सुणो ॥ ज्वलनजटीनो मोकल्यो रे ॥ सा० ॥ हुँ आव्यो गुन र काम ॥ वा ॥१॥ स्वयंप्रना नामें नली रे ॥ सा॥ कुमरी गुगनी खाण में . ॥ वा ॥ तुम तनुज त्रिप्टष्ठने रे ॥ सा ॥ देवा वांडे राण ॥ वा ॥ ॥ २ ॥ सरखे सरवी जोडली रे ॥ सा ॥हशे कोडी कल्याण ॥ वा० ॥
दूत सन्मानी वालीयो रे ॥ सा० ॥ मान्यु ए वचन प्रमाण ॥वा ॥ ३ ॥ण अवसरें प्रतिविभुजी रे ॥ सा० ॥ अश्वग्रीव नरिंद ॥ वा ॥ शोल सहस्त्र नृपालनो रे ॥ सा० ॥ नायक धरणी इंद । वा ॥॥ चढ्यो . यहमेवे याकरो रे ॥ सा ॥ नहिं को मुज समान ।। वा ॥ सदु किंकर मुफ बागलें रे ॥सा॥ ढुं त्रिदु ख सुलतान ॥वाण॥५॥ तनमद धनमद थाकलो रे॥ सा ॥ यौवनमद नन्माद॥ वा ॥ धींगो थइ धरा जोगवे रे ॥साणा वीट्यो नूप गरद ॥वाण॥६॥ मान चढ्युं धंस तेहने रे ॥सा॥ पूवे. एकदिन तेह ॥ वा० ॥ मोत होशे कोथी मुने रे ॥ सा ॥ कहे नेमित्तिक एह ॥ वा० ॥७॥ वलतुं कहे नेमित्तियो रे ॥ सा०॥ मत प्रागो ममदोप ॥ वा० ॥ दणशे तारा दूतने रे ॥ सा० ॥ जे चढियो जर रोप ॥ वा० ॥ ॥ शाल विणासे सिंहलो रे ॥सा० ॥ ताहरी सीम मजार ।। वा० ॥ हण्डो हाये तेहने रे ॥ सा० ॥ ते तुज मारणहार ॥ वा ॥ ए ॥ वात सुपी कोपं चढयो रे ॥ सा ॥ फेडं तेहy वाम ॥ वा० ॥ सामुं कुए नाली शके रे ।। सा० ॥ पाडं तेहनी माम ॥ वा ॥ १० ॥ इए अवसर कानें सुण्या रे ॥ सा० ॥ बलीया बंधव वेह ॥ वा० ॥ रखे प्रागल जाता थकां रे ॥ साप ॥ विहणे मुझने एह ॥ वा० ॥ ११ ॥ कर परीक्षा एहनी रे ॥ सा० ॥ पहेली वांधुं पाज ॥ वा० ॥ वैरी व्याधि ने दिये रे ॥ सा० ॥जगतां तत्काल ।। वा०॥ १२ ॥ सहेजें मलवाने मि रेसा॥ मोकलियो एक दूत वा०॥ चंमवेगानिध धाकरोरेमापोत नपुर तेद पद्धन ।। वा०॥ १३ ॥ नाटक जोवाने मनी रे॥ सा०॥ चाची गज