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________________ पृथ्वीचं अने गुणसागरनुं चरित्र. ४ए गामथी वेचवामाटें मालनां गामां नरी थोडा सथवारा साथै बाहिं श्राव वा निकल्यो, त्यांथी मामीने पालो तेमनां दर्शन करवा गयो ते, तथा में जे जे वितर्क कस्या हता ते सर्व, सांग कही आप्यु. अने वली कह्यु के हे सुधन ! तुं वितर्क करे के जो ढुं जानं, तो एवं कौतुक क्या देखु ? तेथी तारं आहिं रहेवामां के जावामां मन मानतुं नथी. पण नाइ ! आहिं ते गुं कौतुक डे ? आनाथी पण अधिक कौतुक तो ज्यां तें जवा धायुं ने, त्यां अयो ध्यामां पृथ्वीचंइना दरबारने विषे थवानुं . माटें तुं जलदी त्यां जा. कारण के तेम करवायी तारो साथ पण ताराथी दूर नहिं थाय, अने वली तुने श्रा नाथी अधिक कौतुक पण जोवा मलशे ? आवां वाक्य केवलीनां सांजली ढुं तो घणोज हर्षित थयो. अने में जाएयुं जे अदो ! आ गुणसागर तो खरे खरा केवलज्ञानी . कारण के जे कांइ मारो मानसिक विचार हतो, ते सर्व तेणें कही आप्यो ! एम जागी तत्काल गुप चूप एमने एम ढुं याही आववा निकल्यो. त्यां तो सारा मालनां गामां पण मव्यां पड़ी ते सर्वने लश्ने आहिं आव्यो. हे राजन् ! माझं मन अत्यंत कौतुकाविष्ट होवाथी में आपना माणासोने मालनु दाण आप्युं नथी तेम मारो माल पण उतास्यो नथी. अने एमने एम ते केवलीयें कहेला कौतुकने जोवामाटे तुरत आहिं आपनी पासे आव्यो . था प्रकारचें ते सुधनना मुखथी गुणसागरनुं वृत्तांत सांजली, गुण रागवान् एवो ते पृथ्वीचंद कुमार, आलस्य रहित थ नावना नाववा लाग्यो, के अहो ! महामुनि, माहात्मा एवा ते गुणसागरकुमारने धन्य ने. केम के जेणें मोहानुबंधने जीतीने पोतानुं कार्य साध्युं ! अहो! निरीह एवा ते माहात्माउने, निरंतर मोहोटी एवी जोगनी सामग्री धर्ममां कां पण अंतराय करी शकती नथी. अरे ! हुँ आवी रीतें सर्व जाणुं मुं, तो पण आ मारां माता पिताना माहापणने वश थश्ने विकट एवा राज्ययंत्रना पाशमां शा माटे पड्यो बुं. अहो ! एवो दिवस ते मारे क्या रें यावशे ! के जे दिवसमां दुं उत्तम उलन एवा महोटा मुनियोनी गण नामां गणाश! वली टुं गुरुनक्त थई शान, दर्शन अने चारित्र, ते त्रणे रत्नोने धारण करनारो थाइश ! अरे! मारा वक्षःस्थलमां हमारूप लक्ष्मी क्यारे क्रीडा करशे! अने वली शून्यघरमां के, स्मशानमां के, शैलनी ६३
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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