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________________ ४७० जैनकथा रत्नकोष नाग सातमो. आनरणादिकोना धारण करवाथी सुंदर थाय? ना नज थाय. वली ते सुंदर थाय नहिं एटझुंज नही, परंतु अमेध्यपूर्ण अने कुत्सित एवा ते शरीरना संग श्री माव्य, अलंकार, सुंदर वस्त्र प्रमुख जे कांइसारा पदार्थो होय , ते उलटा अपवित्र थजाय . कहेलुं के ॥ श्लोक ॥ वसात्वमांसमेदास्थि, मजा शुक्रांतवर्चसाम् ॥अशुचीनां पदं कायः, शुचित्वं तस्य कुत्रतः॥१॥अर्थःवसा, रुधिर, मांस, मेद, अस्थि, मजा, वीर्य, अने विष्टा. ए वगेरे अशुचि पदार्थोनुं स्थानकचूत एवं जे आ शरीर, तेमां वली पवित्रता ते क्यांयोज होय ? ना नज होय ॥१॥ जेना नवे झारथी खराब पदार्थो, समय नगरना खालमांयी जेम पाणी प्रमुख निकले, तेम निकट्याज करे . अने केवल मांस वगेरे अशुचिपदार्थथी बंधायेला आ देहने विपे जे पवित्रपणानो सं कल्प करवो, ते पण महामोहनीज विडंबना . एम जाणवू. वली गतसार एवा संसारमा कोनो कोण पुत्र ? अने कोनो कोण जाइ ले ? तेम कोनो कोण स्वामी ? आ जगतमां तो लोको केवल खोटा एवा संबंधीयोने माटे प्रमुदित थया थका अहोनिश वृथा आनंद पामे . वली जुन तो खरा, के पा मारा माता पिताने पण केवो मोह थयो ? के जे मोहें करी मारामां स्नेहवान थयां थकां घणाज खेदने पामे ले ? अने वली ते हजी आमने ग्राम केटना वर्ष पर्यंत खेद कस्या करशे ? वली या कन्या पण अत्यंत अज्ञानी देखाय , कारण के जे पोतानां माता पिता वगेरेने बोडीने थाहीं मारे माटे अावीयो ने ? जो ते ज्ञानी होत, तोवृथा दुःखी थावा याहिं शा सारु आवत? माटे अहो! या सर्व संसार बाजीगरनी बाजी जेवोज डे, तेथी विज्ञाततत्त्व जनोने तो आवा मोहमय संसारमा रहे उचितज नथी.अरे! ढुं पंज विज्ञाततत्त्व बौं, तेथी प्रथम तो मारेज आ संसारमा रहेq योग्य नथी. अने हाल दीक्षा लेवी योग्य जे. परंतु तेम करवामां पण हाल दुःख ले. कारण के हुँ जो प्रव्रज्या लहूं, तो स्नेहातुर, तथा एक क्षण पण मारा विरहने न सहन करनार एवां महारां माता पिता घणांज पुःखी थाय? तेमज वली दूरदेशथी मारी साथें पाणि ग्रहण करवा आवेली या कन्याउने पण अत्यंत कुःख थाय ? अने वती हालमां दीक्षा लीधेलो मने जोड्ने मूर्खलोको निंदा पण करे. माटे हवे मारे ते झुं करवू ? अरे ! मारा पितायें जो मने लग्न करवा विषे पुराग्रह न कस्यो
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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