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________________ ४५६ जैनकथा रत्नकोष नाग सातमो. करशे नहि. यावां वचन सांजली कुसुमायुध राजा विचारमा पज्यो के अहो ! था मारो कुमार तो एक ले, अने आत्रणे दूतना कहेवा प्रमाणे त्रणे स्थलमां ते त्रणे स्थलनी कन्याउनो लम दिवस पण एकज डे.थने ते कन्या-ना पिता राजा पण सरखाज ले. माटे एकजदिवसें त्रणे स्थलं ते कु मारने लग्न करवा जावा- केम बनशे ? वली कदाचित् ढुं कुमारने एक राजाने घरेज मोकलुं,तो वली बीजा वेदु राजाने फुःख लागे, तो वृथा वैर थाय. तेथी एमज करवु केत्रणे जणने नाज कहेवी, जेथी कोने मुःखज न लागे? एम विचार करी। राजा, ज्यां तेत्रणे जणने ना कहेवा जाय , त्यां पोता ना महाबुधिनामा मंत्रीय जाण्युं जे राजा विचारमां पड़ी गयो , तेथी कां तो आत्रणे दूतने नाज कहेशे? एम जागी ते मंत्री बोल्यो के महा राज! श्राप विचार युं करो हो ? हाल जे, ते कन्या-ना पितायें जन शुक्षि जोइने जे दिवस लग्ननो निर्धास्यो , ते दिवस, आपणने बार वरसे पण मलवो कठिन ले माटे आपणो कुमर एक होवाथी ए त्रणे स्थालें जा एक दिवसें सर्व कन्याउनुं पाणिग्रहण केम करी शके? ते माटे या त्रणे जणने कहो, जे ते त्रणे राजा एकज दिवसें पोत पोतानी कन्याउने श्रा पणी नगरीयें मोकले, जेथोत्रणे राजाउनी सर्व कन्याउने एकज समाथी आपणो पुत्र वरे? ते सांजली कुसुमायुधराजा बोल्यो के हे मंत्री! तमो जेवा नामथी महाबुद्धि बो, तेम गुणथी पण तेवाज बो, माटे या वात घणीज उत्तम कही. ते सांजली त्यां बेठेला सदु को बुद्धिमान् जनो क हेवा लाग्यां के वाह ! घणुंज सारं धायुं ? ते पनी कुसुमायुध रामायें मेघना सरखी गंजीर वाणीथी ते त्रणे दूतोने कयुं के हे दूतो ! तमो सर्वेयें बाहिं धावी एकज दिवसना लग्ने मारा पुत्रने परणवा माटें कह्यु,तो ते मारो पुत्र एक लमें त्रणे स्थलें केम पोहोंची शके ? माटे तमारे तमारा स्वामीयोने कहेवू के जो तमारे कुसुमायुध राजा पर खरो स्नेह दोय, तथा तेना कुसुमकेतु पुत्रनी साथेंज तमारी पोतानी कन्याउने परणावानो दृढ निश्चय होय, तो तमारो जोवरावेलो जे जमनो दिवस , तेज दिवसमां लग्न थाय तेवी रीतें स्वयंवर करवा तैय्यार थयेली तमारी कन्याउने अाहीं मोकली आपो. कदाचित् तमो एम जाणशो, के अमारी कन्याउने सामी तमारे त्यां जम करवा मोकलवी, ते तो घणुंज अनुचित कहेवाय ? तो ते एम
SR No.010252
Book TitleJain Katha Ratna Kosh Part 07
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1892
Total Pages517
LanguageHindi
ClassificationDictionary
File Size66 MB
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