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________________ 59. मथुन का सेवन करने वाले व्यक्ति तीन प्रकार के व्यक्ति मथुन का सेवन करते हैं:१- स्त्री २- पुरुष और ३- नपुंसक वृतिकार ने स्त्री, पुरुष और नर्मुसक के लक्षणों का संकलन किया है, उसके अनुसार स्त्री के सात लक्षण है-- १- योनि, मृदुता, ३- अस्थिरता, ४- मुग्धता, ५- क्ली वता, ६- स्तन, ७- पुरुष के प्रति अमिलाषा । पुरुष के सात लक्षण है--३ १- लिंग, कठोरता, दृढ़ता, ४-पराम, ५- दाढ़ी और मुंडा, ६- धृष्टता, ७- स्त्री के प्रति अभिलाषा । नपुंसक के ये लपाण है:-४ १- स्तन और दाढ़ी-मूंछ कुछ अंशों में होते हैं, परन्तु पूर्ण विकसित नहीं होते । २- प्रज्वलित कामाग्नि । ५- ठाणग, ३-१२, मथुन-पदः पृ० १५६ : -- तेवो मेहुण सेवंति, तं जहा-- त्थी, पुरिसा, णपुंसगा । २- स्थानांगचि, पत्र १००: -- योनि प्रदुत्वमस्थर्य, मुग्घत्वं क्लोक्ता स्तनों । पुस्कामितेति लिड्. गानि, सप्त स्त्री त्वे प्रचाते ।। ३- वही, पत्र १००: मेहनं खरता दाढय शाण्डीय श्मश्रुधष्टता । स्त्री कामितति लिड्. गानि सप्त पुंस्त्वे प्रचक्षते ।। ४- वही, पत्र १०० -- स्तनादिश्मनुकेशादि मावामावसमन्वितम् । ___ नपुंसक बुधाः प्राहर्मोहानलसुदी पितम् ।।
SR No.010245
Book TitleJain Karm Siddhanta aur Manovigyan ki Bhasha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRatnalal Jain
PublisherRatnalal Jain
Publication Year
Total Pages171
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
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