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आधुनिक शरी रशास्त्रियों के अनुसार गर्भरचना में ४६ को मोसोम (गुणसूत्र) की आवश्यकता होती है । इसमें जो व २३ गुणसूत्र माता से तथा २३ गुणसूत्र पिता से ग्रहण करता है | विज्ञान भी वहां तक नहीं पहुंचा है कि कौनसा वा माता से बौर कौनसा ा पिता से ग्रहण करता है ।
गर्भावस्था की स्थिति--
सामान्यत: गर्म की स्थिति २७७ दिन की बताई गई है । किन्तु वात, पिच, कफ आदि के दोष से कम या अधिक दिन भी लग सकते हैं । २ आगमों में जहां भी गर्भवती स्त्री का वणन है, वहां महीने पूर्ण तथा साढे ७ दिन व्यतो त होने पर बा के जन्म का उल्लेख मिलता है ।
मावती सूत्र के अनुसार तिच को गर्म-स्थिति जघन्य अन्तर्मुहर्त तथा उत्कृष्ट वाठ वष की बतायी गयी है। मनुष्य को गर्भ स्थिति जघन्य अन्तर्मुहूर्त तथा उत्कृष्ट बारह वष को है ।" काय भवस्थ की गर्भ स्थिति जघन्य अन्तर्मुहुर्व तथा उत्कृष्ट चौबीस वर्ष की है। इसका स्पष्टीकरण करते हुये टीकाकार कहते है कि कोई जी व गर्भ में बारह वष बिताकर मर जाता है, फिर जन्म लेकर बारह वर्ष और रहता है, वह कायभवस्थ वधिक से अधिक चौबीस वर्ष तक गर्भ में रह जाता है । टीकाकार ने कायमवस्थ के बारे में एक बोर मत का उल्लेख करते हुए कहा है कि कोई जीव बारह वर्ष तक गर्म में निवास करता है, फिर मर कर किसी अन्य पुरुष के संयोग से उसी माता के शरीर में १२ वर्ष और रहता है
8- Human Anatomy and Physiology- MIR, MOSCOW. २- तदुलवचारिक प्रकीण क-- ४ ५- वही , २२८३, ३- मावती, १९६१४६, ज्ञाता० १।१।७३ तदुल वैचारिक प्रकीर्णक गा० १५ ४- माक्ती, २२
६- भगवती, श८४