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वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला
बुध आदि ग्रहों का वर्णन
बुध के विमान स्वर्णमय चमकीले हैं। शीतल एवं मंद किरणों से युक्त हैं। कुछ कम ५०० मील के विस्तार वाले हैं तथा उससे प्राधे मोटाई वाले हैं। पूर्वोक्त चन्द्र, सूर्य विमानों के सदृश ही इनके विमानो में भी जिन मन्दिर, वेदी, प्रासाद आदि रचनायें हैं । देवी एवं परिवार देव आदि तथा वैभव उनसे कम अर्थात् अपने २ अनुरूप है । २-२ हजार प्राभियोग्य जाति के देव इन विमानों को ढोते हैं।
शुक्र के विमान उत्तम चांदी से निर्मित २५०० किरणों से युक्त हैं। विमान का विस्तार १००० मील का एवं बाहल्य (मोटाई) ५०० मील की है। अन्य सभी वर्णन पूर्वोक्त प्रकार ही है।
वृहस्पति के विमान स्फटिक मणि से निर्मित सुन्दर मंद किरणों से युक्त कुछ कम १००० मील विस्तृत एवं इससे प्राधे मोटाई वाले हैं। देवी एवं परिवार आदि का वर्णन अपने २ अनुरूप तथा बाकी मन्दिर, प्रासाद आदि का वर्णन पूर्वोक्त हो है। ____मंगल के विमान पद्मराग मणि से निर्मित लाल वर्ण वाले हैं । मंद किरणों से युक्त, ५०० मोल विस्तृत, २५० मील बाहल्ययुक्त हैं । अन्य वर्णन पूर्ववत् है ।