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वीर ज्ञानोदय ग्रंथमाला
जम्बूद्वीपादि के नाम एवं
उनमें क्षेत्रादि व्यवस्था जम्बूद्वीप में सुमेरु पर्वत के उत्तर दिशा में उत्तर-कुरु में १ जम्बू (जामुन) का वृक्ष है । उसो प्रकार धातको खण्ड में १ धातकी (प्रांवला) का वृक्ष है । तथैव पुष्कराध में पुष्कर' वृक्ष है । ये विशाल पृथ्वीकायिक वृक्ष हैं । इन्हीं वृक्षों के नाम से उपलक्षित नाम वाले ये द्वीप हैं ।
जिस प्रकार जम्बूद्वीप में क्षेत्र पर्वत और नदियां हैं उसी प्रकार से धातकी खण्ड में पुष्कराध में उन्हीं-उन्हीं नाम के दूने-दूने क्षेत्र, पर्वत, नदियां एवं मेरु आदि हैं।
विदेह क्षेत्र का विशेष वर्णन जंबूद्वीप के बीच में सुमेरु पर्वत है। इसके दक्षिण में निषध पर्वत और उत्तर में नील पर्वत है। यह मेरु विदेह क्षेत्र के ठीक बीच में है। निषध पर्वत से सीतोदा और नील पर्वत से सीता नदी निकली है । सीतोदा नदी पश्चिम समुद्र में और सीता नदी पूर्व समुद्र में प्रवेश करती है। इसलिये इनसे विदेह के ४ भाग हो गये हैं । दो भाग मेरु के एक ओर और दो भाग मेरु - के दूसरी पोर । एक-एक विदेह में ४-४ वक्षार पर्वत और ३-३ विभंग नदियां होने से १-१ विदेह के पाठ-आठ भाग हो गये हैं।
इन चार विदेहों के बत्तीस भाग (विदेह) हो गये हैं । ये