________________
(५४) ही था कि लोग मूल संघ को जिस में सर्वथा नग्न रहने __ का सिद्धांत न था और जो श्वेत वस्त्र धारण करने का
निषेध नहीं करता था, श्वेतांवर संप्रदाय कहने लगे, क्यों कि ऐसा करने ही से मूल संघ और नवीन दिगंबर संप्रदाय में भेद प्रगट किया जा सकता था।
श्वेतांबर, दिगंबरों से प्राचीन हैं।
यह सिद्ध करने के बाद कि दिगंबर और उनके सिद्धांतग्रंथ अर्वाचीन हैं, हम संक्षेप में यह भी बतलायेंगे कि श्वेतांबर दिगंबरों से प्राचीन क्यों हैं।
दिगंबरो की आलोचना करते समय हम यह बतला __चुके हैं कि समस्त बौद्ध सिद्धान्तों मे और प्रामाणिक प्राचीन
जैन शास्त्रों में भी दिगंबर संप्रदाय ऐसे नामका कहीं उल्लेख नही किया गया । असली बात यह है कि मूलसे ही जैनों का केवल एक ही संप्रदाय था परन्तु जब शिवभूति ने सर्वथा नग्न रहने का उपदेश दिया और इस प्रकार दिगंबर संप्रदाय की स्थापना की तब इस नवीन संप्रदाय से भेद करने के लिये असली जैन, श्वेतांबर कहलाने लगे । इसी कारण हमको प्राचीन जैन और बौद्ध शास्त्रों में श्वेतांबर इस नामका का भी उल्लेख नहीं मिलता।