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(३१) मालूम करना अभीष्ट और आवश्यक है कि दोनों नाम्प्रदायों में से किसके पास असली और प्राचीन शास्त्र हैं।
प्रोफेसर हरमन जेकोबी ने जैन सूत्रों के अनुवादी भूमिका में बड़ी योग्यता से सिद्ध कर दिया है कि शेताम्बगे के वर्तमान शास्त्र महावीर के कहे हुए ही हैं और परम्परा से ज्यों के त्यों चले आते हैं।
उन्होंने अपने मत के समर्थन में जो मुख्य प्रमाण दिये हैं उनको हम यहां संक्षेप में देते हैं।
(१) " बहुतसा प्राचीन जैन साहित्य अब उपलब्ध हो गया है और जो लोग जैन सम्प्रदाय के प्राचीन इतिहाम के लिये सामग्री इकठ्ठी करना चाहते हैं उनको इस माहित्य से बहुत कुछ सहायता मिल सकती है । यह मामग्री ऐमो नहीं है कि जिसकी प्रामाणिकता पर हम सन्देह करें । हम जानते हैं कि जैनों के धर्म शास्त्र प्राचीन है; जिस संस्कृत साहित्य को हम प्राचीन कहते हैं जैन शास्त्र निस्संदेह उससे भी प्राचीन हैं।
उनमें पुरातत्व की सामग्री कितनी है, इस विषय में हम यह कह सकते हैं कि उनमें से बहुत से शास्त्र उत्तरी बोद्धो के सबसे प्राचीन ग्रन्थों का मुकाबला कर सकते हैं चूंकि इन पिछ ले ग्रन्थों से बुद्ध और बौद्ध धर्म के इतिहास की सामग्री