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बंधन नहीं है.
१०२ " मरन समान कोई विशेष भय नहीं है. " १०३ “ राग समान कोई अति १०४ " स्त्रीकटाक्ष अपना बचाव करनेहारे जैसा कोई शूर नहीं." १०५- " सदुपदेश जैसा कोई अमृत नहीं है.
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: १०६ " स्त्रीचरित्र समान कोई गहन चरित्र नहीं है. " न उगाया जावे उसके समान दूसरा
१०७ " स्त्रीचरित्र कोइ चतुर नहीं.
१०८ " असंतोष के जैसा कोई दूसरा दारिद्रय नहीं और पाचनाके जैसी कोई लघुता नहीं. "
१०९ " संजम समान जीवित नहीं है. "
११० " प्रमाद जैसी कोइ जडता नहीं. "
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१११ “ धन, यौवन और आयु ये तीनुं अस्थिर हैं. "
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११२ " सज्जन चंद्रकिरण जैसे शीतल है, "
११३ “ परवशता जैसा दुःख नहीं, और स्वतंत्रता जैसा मुख नहीं. "
११४ " तत्र स्वपर हितकारी वचनही सत्य है.
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११५ “ प्यारेमें प्यारी चीज माण है. "
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११६ “ पापसें मुफ करें उसीको सच्चा दोस्त जानो. ११७ “ औसरपर दान देनेके समान दूसरा दानही नहीं " ११८ " गुप्त पाप समान कोइ शल्य नहीं. "
११९ " जगत् मात्र के साथ मैत्री रखने समान कोई आनंद नहीं
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