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उन्होंके दिलमें ठीक ठीक ठसाजाय 'वैसा असरकारक मवोध देनेके वास्ते समयोचित विचारे तो आजकल कोशके कोश भरकर उपदेराजल, जिनकी हृदयभूमिमें उतरना मुश्कील है वैसे अशिक्षित शु एक जैसे जनोकों सींचनेसें कुछ काल गये बादभी जिन अच्छा लाभ नहीं मिल सकता है उस करतेंभी बहुत और उत्तम लाभ अल्प वख्त में बालवयके कोमल रुंखडको ज्ञानजल सींचनेस अवश्य मिलनेकी बडी भारी आशा बंधी जाती है. आजकल के युवान तथा बुद्दोंकों मार्गपर आनेके वास्ते जागृत करनेका एक अच्छा रस्ता ये मालुम होता है कि आजकल जैनोमें ज्यादे फैलावा पाये हुवे जैनधर्म प्रकाश, कॉन्फरन्स हैराल्ड, आत्मानंद प्रकाश और आनंद जैसे मासिक तथा साप्ताहिक जैन, जैनविजय, जैन गेझट वगैरः अखबारों में जो जो अपने पवित्र धर्म व्यवहारानुयायी उत्तम लेख लिखाकर प्रसिद्ध होते है, उन उनके सभी लेख सभा समक्ष कोई विद्वान मुनी या श्रावकद्वारा पदवाकर और व्याख्यान बंचाया जाता होवै वहां व्याख्यान बांचनेवाले मुनीजन भी वे लेख के विषयानुसार अच्छा असरकारक विवेचन देकर श्रोताजनका सन्मार्गकी तर्फ लक्ष खींचनेका सतत यत्न करे तब समयानुसार आजकलके श्रोतावर्गको जैसा अच्छा लाभ होनेका संभव है. यह बातका मुझे प्रत्यक्ष अनुभव मिल चुका है, और वैसा अनुभव मिलानेका मशंगवशात् विद्वान मुनीवर या - श्रावक जन धारेंगे तो बहुत अच्छा लाभ मिला सकेंगा जैसी उमीद रहती है..
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