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मित्त दोनूका सेवन करना न भूलना चाहियें ऐसा समझ करें कि महाजनो ये न गत' स पंथा- शिष्ट- सुविहित पुरुषोंने जो मार्ग हाथ धर लिया है वही मार्ग कल्यानकारी है. '
६ अपनी अंदरका वडा हिस्सा तो इतना जडतां है कि ↑ ઉન્હોંની નડતા દૂર રનેમ યુ જે યુ ન ખાય તૌમી પાર અના वडा मुश्कील है; परंतु जो छोटे बालकोकों या युवकों धर्मशिक्षण देनेका अभी तुरंत अच्छे नोरसें शुरु करनेमें आवे तो उसका बहुत अच्छा परिणाम आनेका संभव रह सकता है. यदि मावापने उत्तम शिक्षण प्राप्त किया हो तो वे अपनी संततीको भी अच्छी धमष्ट बना सकते हैं; मगर वे खुद तालीम रहित होवे तो उनकी संतती भी वैसी ही रहती है. आजकल के मावाद जब एक वखत आप खुद पुत्र पुत्रीकी अवस्थामें थे तव उन्होंकों अच्छा शिक्षण नहीं मिलसका, उससे वे उत्तम शिक्षण या धर्मशिक्षण उनके बच्चों को देनेमें विजयवंत न हो सके. इसी तरह अभीकी संततीकों अच्छा मजबूत शिक्षण देनेमें नहीं आयगा तो वैभी एक देशीयएक लक्षीय शिक्षण मिलनेसें संसारकी असारता, वैराग्य, गांभिर्य - ता, प्रौढ़ता आदिसे विमुख रहकर सहनशीलता खामोश आदि
उच्च गुण कि जो व्यवहारिक कार्य कुशलतामें जरूरत के हैं, वे प्राप्त नहीं कर सकेंगे. वास्ते जो अभीसं ही समयानुकूल शिक्षण माता પિતા-ચામુનની તપસ વાળોથી ષિ અનુકૂળ સાહી સૌધી सरल भाषामें दिया जाय तो बहुत करके वै सद्गुणी-धर्मष्ठ