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बनाया गया आम आदिका आचार, दो हिस्से होने वाले विदल मुंग, उडद, पिने, अरहर, मटर वगैरः के साथ कचा दही खाना अभक्ष्य भक्षणरुप होनेसें उन्होंका तहन त्याग करना. (वैद्यकीय नियमसभी ये चीजे तन्दुरस्ती बिगाडने वाली ही हैं वास्ते छोडने= से जरुर फायदाही होता है. ) छोटे बडे जीमन-शाति, कुटुंब भोज
नके वास्ते बनाइ गइ रसोई कि जिसके बनाने के वक्त जयणा न रखनेसें बहूतसें जीवोंका सत्यानाश निकस जाता है. और खूठा अ..। जल ढोलनेसभी पहतही नुकसान होता है यदि सब जगह
जयणा पुर्वक वर्तनमें आवै तो किसीकोंभी हरकत न पहुंचने पावै, __ और धर्माराधनका बड़ा लाभ भी सहजहीमें हासिल कर सके.
पास्त हे सुज्ञ जन द ! लज्जा और दयावंत हो एक पलमरभी जयणाको भूल नहीं जाना. ___ (३) उडा खर्च-मा पापके मरे बाद अगर लडका लडकीकी शादी के परुत बहुत जगह फजुल खर्च करने में आता है, और उन पस्तों में करने लायक ख तर्फ वेदरकारी रखने में आती है. दृष्टांतरुप यह कि माता पिताने अंत कालम वैराग्य द्वारा मोह उतारकर तन मन धनसें जिस प्रकार उन्होंको धर्म समाधि होव-यावत् उन्होंकी या आपकी सद्गति जिस सुकृत करनेसे हो सकै उसी प्रकार वर्तना लाजिम है. अवश्य करने लायक वो पावतका भान भूलकर पीछे फक्त लोकलाजसें नाहक भारी खर्च में उतरना उन करतें तो तनाही धन परमार्थ मार्गमें व्यय करना सो विशेष श्रेष्ठ हैं. पुत्रादिक