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________________ विषय-सूची संख्या विषय पृष्ठ संख्या विषय १ पउमचरिउ स्वयंभू १ ३३ अमरसेन चरिउ माणिक्यराज २ रिट्टणेमिचरिउ स्वयंभू २८ नागकुमार चरिउ , ३ सुदंसण चरिउ नयनंदी ३५ सम्मइ जिन चरिउ कवि रइध ४ पास पुराण पद्यकीर्ति ३६ सुकोसल चरिउ ५ धम्मपरिक्खा बुध हरिषेण ३७ पासणाह चरिउ ६ जंबूसामिचरिउ वीर कवि ३८ पउमचरिउ ७ कहा कोसु श्रीचन्द ३६ मेहेसरचरिउ ८ रयणकरंडसावयायार श्रीचन्द ४० सम्मत्तगुणणिहाण ६ सुकमाल चरिउ विबुध श्रीधर ४१ रिटुणेमि चरित १० हरिवंश पुराण धवल कवि ४२ घणकुमार चरिउ ११ छक्कम्मोवएस प्रमरकीति ४३ जसहर चरिउ १२ पुरंदरविहारण कहा ॥ ४४ अणथमी कथा १३ जिनदत्त चरिउ पं० लक्ष्मण ४५ अप्पसंबोह कब्ध १४ सुलोयणा चरिउ कवि देवसेन ४६ सिद्धतत्त्व सार १५ पज्जुण्ण चरिउ कवि सिद्ध व सिंह ४७ वित्तसार १६ पासणाह चरिउ कवि देवबंद (चन्द) ४८ पुण्यासव कहा १७ सयलविहिविहाण कव्व नयनंदी ४९ जीवंधर चरिउ १८ अणुवय रयणपईव पं० लक्ष्मण ५० सवणवारसि कहा भ० गुणभद्र १६ बाहुबलि चरिउ धनपाल ५१ पक्खवइ कहा २० चदप्पह चरिउ यशःकीति ५२ प्रायास पंचमी २१ पंडवपुराण ५३ चंदायण पय कहा २२ हरिवंश पुराण ५४ चंदण छट्ठी कहा २३ जिनरत्तिविहाण कहा , ५५ दुग्धारस कहा २४ रविवउ कहा , ५६ णिद्द ह सत्तमी कहा २५ पासणाह चरिउ कवि श्रीधर ५७ मउडसत्तमी कहा २६ वडुमारण कन्व हरिइंद ५८ पुष्कंजली कहा २७ भविसयत्त कहा श्रीधर ५६ रयणत्तय कहा २८ संभवरणाह चरिउ . कवि तेजपाल ६० दहलखणवय कहा २६ वरंग चरिउ , ६१ प्रणंतवय कहा ३. सुकमाल चरिउ मुनि पूर्णभद्र ६२ लद्धिविहारण कहा ३१ ऐमिणाह चरिउ अमरकीति ५५ ६३ सोलह कारण वय कहा ३२ मिणाह परिउ लक्ष्मण कवि ५६ ६४ सुगंध दहमी कहा , १०१ १०३ au . w . . १०३ १०४ . . . . . .
SR No.010237
Book TitleJain Granth Prashasti Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParmanand Jain
PublisherVeer Seva Mandir Trust
Publication Year1953
Total Pages371
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size29 MB
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