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भौंरारे ॥ ६॥ तातें दान करौ मन लाय मनुां मन भौंरारे गिरवर अविनाशी पदपाय मनुमन भौंरारे ७
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("भौंरार" की चाल-व्याहु, मुण्डन आदिमें ) चारों दान भली विधि देव मनु मन भौंरारे । चार दानकी विधि सुन लेव मनु मन भौंरारे ॥टेक।। औपधि दानको कहा फल होय मनु मन भौंरारे ।। भय २ देह निरोगी होय अनुयां मन भौंरारे ॥ १॥ आहार दानको कहा फल होय मनु मन भौंरारे ॥ भव २ अह धन सम्पति होय मनुयां मन भौरारे ॥२॥ अभय दानको कहा फल होय मनु मन भौंरारे ।। परसव श्रायु बड़ी थिति होय मनुयां मन भौंरारे ॥३॥ शास्त्र दानको कहा फल होय मनुआं मन भौंरारे ॥ भव २ में पढ़ पंडित होय अनुयां मन भौंरारे ॥४॥ चारों दान को यो फल होय मनु मन भौंरारे॥चक्री, खगपति इन्द्र कहाय मनुयां मन भौंरारे॥५॥ चारों दान देयो मन लाय मनुयां मन भौंरारे ॥ भोगभूमि में जन्म लहाय मनु मन भौंरारे । कहै देवीदास सुनौ गोपाल मनुयां मन भौंरारे ॥ दान दियें नर सुर शिव होय मनु मन भौंरारे॥७॥