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________________ - शान्ति प्रभुजी का स्तवन । WU LM शान्ति प्रभुजी शान्तिताका स्वाद हमको दीजिये नष्ट करके कर्म सारे पार खेवा कीजिये ॥ भक्ति से तो शक्ति हमही हो प्रकट परमात्मा। सुधरे भारत की दशा होवे सभी धर्मात्मा ॥ है प्रभु अानन्द दाता ज्ञान हमको दीजिये । शीघ्र सारे सद्गुणों को पूर्ण हममें कीजिये। लीजिये हमको शरणमें हम सदाचारी बने । ब्रह्मचारी धर्मरक्षक शलिव्रत धारी बने । शान्ति प्रभुजी शान्तिताका स्वाद हमको दीजिये लष्ट करके कर्म सारे पार सेवा कीजिये ॥
SR No.010234
Book TitleJain Gazal Gulchaman Bahar
Original Sutra AuthorN/A
Author
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages376
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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