________________
२४०
जैनधर्म की हजार शिक्षा
V५६ मूलाचार
(श्रीमद्वट्केर (दिगम्बर) वि० ५वीं शती६. मोक्षपाहुड a (आचार्य कुन्दकुन्द) ६१ यशस्तिलकचम्पू
(आचार्य सोमदेव सूरि, ११वीं शती) ६२ योगशास्त्र
(आचार्य हेमचन्द्र सूरि वि० १२वीं शती) १३ योगसार
(योगीन्द्र देव, दिगम्बर आचार्य, अपभ्रंश भाषा में :
छंद में विशेष रचनाएं की हैं) ६४ राजप्रश्नीयसूत्र
(आगमों में दूसरा उपांग आगम) ६५ ऋषिभाषितानि
(८४ आगमों की क्रम-सूची में ५२वां आगम, प्रकीर्णक) ६६ व्यवहारसूत्र
(चार छेद सूत्रों में दूसरा छेद सूत्र) ६७ व्यवहारभाष्य a (जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण) ६८ वसुनन्दिश्रावकाचार
(दिगम्बर आम्नाय का प्रमुख ग्रंथ) ६९ विशेषावश्यक भाष्य
(जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण) ७० वीतरागस्तोत्र
(आचार्य हेमचन्द्रसूरि) ७१ शान्तसुधारस भावना
(आचार्य विनयविजयजी वि० १७वीं शती)
(आचाप