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(सत्रह) ६ सयम-सूर्य आचार्य सम्भूतविजय ७ जिनशासन-शिरोमणि आचार्य भद्रवाहु ८ तेजोमय नक्षत आचार्य स्थूलभद्र ६ सद्गुण-रत्न-महोदधि आचार्य महागिरि
१० सद्धर्म-धुरीण आचार्य सुहस्ती ११-१२ विश्ववन्धु आचार्य वलिस्सह और गुणसुन्दर १३-१४ स्वाध्याय-प्रिय आचार्य सुस्थित और सुप्रतिबुद्ध १५-१६ सत-श्रेष्ठ आचार्य श्याम और पाडिल्य १७-१६ मोक्ष-वीथि-पथिक आचार्य समुद्र, मगू, भद्रगुप्त
२० क्रान्ति चरण आचार्य कालक (द्वितीय) २१ महाविद्या-सिद्ध आचार्य खपुट २२ पारस-पुरुष आचार्य पादलिप्त २३ विलक्षण वाग्मी आचार्य वज्र स्वामी २४ कीति-निकुज आचार्य कुन्द-कुन्द २५ अक्षयकोष आचार्य मार्य-रक्षित २६ ध्यान योगी भाचार्य दुर्वलिका पुष्यमित्र २७ विवेक-दर्पण आचार्य वज्रसेन २८ आलोक-कुटीर आचार्य अर्हद्वलि २६. दूरदर्शी आचार्य धरसेन
३० लन्धगौरव आचार्य गुणधर ३१-३२ प्रबुद्धचेता आचार्य पुष्पदन्त एव भूतबलि
३३ अर्हन्नीति-उन्नायक आचार्य उमास्वाति ३४-३५ आगमपिटक आचार्य स्कन्दिल और नागार्जुन
३६ प्राज्ञप्रवर आचार्य विमल
३७ जैन सस्कृति-सरक्षक आचार्य देवद्धिगणी क्षमाश्रमण अध्याय दो : उत्कर्ष युग
१ बोधिवृक्ष आचार्य वृद्धवादी २ सरस्वती-कठाभरण आचार्य सिद्धसेन ३ महाप्राज्ञ आचार्य मल्लवादी ४ सस्कृत-सरोज सरोवर आचार्य समन्तभद्र ५ दिव्य विभूति आचार्य देवनन्दी (पूज्यपाद) ६ भवाब्धिपोत आचार्य भद्रबाहु द्वितीय (नियुक्तिकार) ७ परमागमपारीण आचार्य जिनभद्रगणी क्षमाश्रमण ८ पुण्यश्लोक आचार्य पात्रस्वामी
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