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(दस) सिद्ध होगा। ___ आचार्यश्री तुलसी के नेतृत्व मे सतत प्रवाहित साहित्य सरिता मे अवगाहन कर कोई भी व्यक्ति धन्यता का अनुभव कर सकता है। साध्वी सघमित्रा जी को भी अपनी धन्यता के अनुभव का अवसर उपलब्ध होगा। भिक्षु-शासन की साहित्यिक गरिमा को बढाने में जिनको अगुलियो का योग है, वे सब साधुवाद के योग्य है । उस अर्हता मे साध्वी संघमित्रा ने भी अपना योग दिया है, इसका मैं अनुभव करता हूँ।
युवाचार्य महाप्रज्ञ
अणुव्रत विहार, नई दिल्ली, १५ मई, १९७६