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ज्ञामांहिके बाहिर दोयांमे किणन्याय । चोखा परिणाम आज्ञामांही खोटापरिणाम आझावा हीरइणन्याय ॥ २० अजीवाज्ञामांही केवाहि रदोन्नहि तेकिणन्याय॥ प्राज्ञामेतथा बाहिरतो जीव एतापजीवबे इणन्याय ॥२१ पुपया ज्ञामांहीकेबाहिर दोनहीनहोते किणन्याय ॥ श्रा ज्ञामेतथा बाहिरतोजीबजे, पुरयजीव ॥२२ पापाज्ञामांही केबाहिरदो-हीनहीं तेकिणन्या य ॥ श्राज्ञामे तथाबाहिर तोजोक्ने. पापतो अजीवडे. इगन्याय ॥ २३ अाश्रव प्राज्ञा के बाहिर दोनभाहि तेकिणन्याय। मिथ्यात्वमा अब १ अरतश्राश्रब २ प्रमादाश्रब ३ क पायाश्रय एच्चारतो आज्ञा बाहिर योग प्राप्रबना बेनेद. शनयोगतो आशामें अशु नयोगप्राज्ञा बाहिरडे इणन्याय ॥२४ संवर प्राज्ञामांहिके बाहिरबाजामांहि तेकिणन्याय। कर्मनेकाटवाना पारणामाज्ञामें न्याय जामें ॥ २५ निरापानाकेबाहिर में ने ते किणन्याय ॥कर्मनेतोमवारंपरिणाममा माहेने, इणन्याय ॥ २६ बंधवानामें केवहिरको