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प्रस्तुत ग्रन्थ के टिप्पण में आए हुए ग्रन्थों के नाम व संकेत
अंगुतर निकाय-अं० नि० आचारांग-आचा० आचारांग वृत्ति--आचा० ३० प्राप्त मीमांसा-पा० आवश्यक सूत्र-श्राव इष्टोपदेश-इ. उत्तराध्ययन-उत्त० ऋग वेद-ऋग०
औपपात्तिक-औप० कठोपनिषद-कठ० उप० कर्म ग्रन्थ टीका-कर्म० टी० गीता रहस्य-गी. २० छान्दोग्य उपनिषद्-छान्दो० उप० जड़वाद-जड़. जावालोपनिषद्-जावा० उप० जैन सिद्धान्त दीपिका-जैन दी० तत्वार्थ सूत्र-त. सू० तत्वानुशासन-तत्वा० दशवैकालिक-दशवै० दशवैकालिक वृहत वृति-दशवै० वृक्ष दर्शन और चिन्तन-द० चि० दर्शन विशुद्धि-द० वि० धम्मपद-धम्म० धर्म संग्रह टीका-धर्म० टी० नन्दी सूत्र-नं.