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सम्यग् दर्शन और पुञ्ज मिश्र-पुञ्ज संक्रम व्यावहारिक सम्यग् दर्शन सम्यग्दर्शी का संकल्प व्यावहारिक सम्यग्-दर्शन की स्वीकार
विधि। आचार और अतिचार पांच अतिचार सम्यग-दर्शन की व्यावहारिक पहचान पाच लक्षण सम्यग-दर्शन का फल महत्त्व ध्रुवसत्य असंभाव्य कार्य चार सिद्धान्त सत्य क्या है? साध्य-सत्य