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लिये और स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिये जिन-जिन अनेक पदार्थों की आवश्यकता होती है वे सभी पदार्थ द्ध में पाये जाते हैं । यदि गाय स्वस्थ हो और उमको पृष्ट भोजन दिया जाय तो उसका दूध विशेष गुणकारी होता है । वैसे तो गाय का दूध विशेषकर धारोष्ण दूध बुद्धिवर्द्धक और आयुवर्द्धक बतलाया गया है, उसमें ये गुण और विशेपम्प से बढ़ जाते हैं यदि नागोरी अमगध बच और विधाग आदि पदार्थ गाय की कुट्टी में काटकर मिला दिये जायं । आयुर्वेद में तो यहां तक विधान पाया जाता है कि राजयक्ष्मा के रोगियों को केवल उम गाय का ही दध पिलाकर अच्छा किया जा मकना है, जिसके चारे में राजयक्ष्मा नाशक औषधियां मिला दी गई हों । औषधियों का गुण दध में प्रवेश कर जाता है। जहां गाय का दूध स्फूर्तिदायक है वहां भैंस का दूध मनु'य को सुस्त और मोटा बनाता है।
बाहर के देशों में केवल गाय का ही दूध पिया जाता है । कोई-कोई लोग बकरी का दूध भी पीते हैं क्योंकि वह जल्दी पच जाता है। हमारे देश में गाय को बड़े मम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। हाल में ही रूस में जो वैज्ञानिक गवेषणायें हुई हैं उसे सुनकर आपको आश्चर्य होगा।
एटम बम फूटते समय जो रेडियो मक्रिय धूल हवा मे फैलती है वह वर्षा के पानी में घुलकर गाक, मब्जी के खेतों में पनों पर जम जाती है। सब्जी के इन पनों को जब पशु चरते हैं तो अधिकांश की मृत्यु हो जाती है किन्तु वैज्ञानिक प्रयोगों से यह सिद्ध हुआ है कि गाय जब इन पत्तों को खानी