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________________ ८. कर्मवाद संमार में किसी भी कार्य को करने से पहले मनुष्य के मन में विचार उत्पन्न होता है । विचार उत्पन्न होने से पहले मस्तिष्क में स्पन्दन क्रिया होती है अर्थात् लहरें (Vibrations) पैदा होती हैं। आजकल के विज्ञान ने इन लहरों को कागज पर रिकार्ड करने की विधि निकाल ली है और मानसिक रोगों में ये लहरें अंकित की जाती हैं यह देखने के लिये कि स्वरलहरी सामान्य है अथवा विकृत । तदनुसार चिकित्सा द्वारा मस्तिष्क को ठीक करने का उपचार किया जाता है । मस्तिष्क की लहरों के रिकार्ड को इन्किफेलोग्राम (Encephalogram) कहते हैं, ठीक उसी प्रकार जैसे एक्स-रे फोटो को रेडियोग्राम कहते हैं। मनुष्य का मस्तिष्क एक छोटा-सा रेडियो रिसीवर है जो रेडियो की तरह बाहर की लहरों को ग्रहण करता है। रेडियो रिसीवर का सिद्धान्त यह है कि जहां रेडियो रखा रहता है, संसार के भिन्न-भिन्न कोनों से आई हुई लहरें या रेडियो तरंगें वहां पर विद्यमान होतो हैं। उन रेडियो तरंगों में केवल लम्बाई का अन्तर रहता है। ये सब लहरें विद्युत की लहरें होती हैं किन्तु उनकी लम्बाई बगबर नहीं होती। उदाहरणस्वरूप-किसी लहर की लम्बाई २५१ मीटर है और दूसरी लहर की लम्बाई २५.१२ मीटर है तो वायुमण्डल में इन दोनों का अस्तित्व पृथक्-पृथक् होगा। उन
SR No.010215
Book TitleJain Darshan aur Vigyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorG R Jain
PublisherG R Jain
Publication Year
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size4 MB
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