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है, तव कही उसके नीचे का रुमाँ छिदता है। अनन्तः परमाणुनो के मिलन का नाम सघात है । अनन्त सघातो का एक समुदय और अनन्त समुदयो की एक समिति होती है। ऐसी अनन्त समितियो के संगठन से तन्तु के ऊपर का एक रुआँ बनता है। इन सबका छेदन क्रमशः होता है। तन्तु के पहले रुएँ के छेदन मे जितना समय लगता है उसका अत्यन्त सूक्ष्म अश यानी असख्यात काल-भाग समय कहलाता है।
समय से लेकर एक पूर्व तक के सख्यात कालमान को इस प्रकार दर्शाया जा सकता है
अविभाज्य काल
एक समय
(एक सैकिंड के ५७००वे भाग से भी कम) असख्यात समय . एक प्रावलिका (सबसे छोटी आयु) । २५६ आवलिका , . एक क्षुल्लक भव १७ क्षुल्लक भव अथवा ३७७३ श्रावलिका • एक उच्छवास १७ क्षुल्लक भव अथवा ३७७३ श्रावलिका : एक निश्वास एक उच्छवासनिश्वास अथवा ७५४६ प्रावलिका. एक प्राण (पाणु) ७ प्राण
: एक स्तोक (थोक) ७ स्तोक
. एक लव ३८ १/२ लव • एक घडी (२४ मिनट) ७७ लव या ३७७३ श्वासोच्छवास
एक मुहूर्त (४८ मिनट) या १६७७७२१६
आवलिका ३० मुहूर्त
: एक अहोरात्रि १५ अहोरात्रि
एक पक्ष २ पक्ष
। . एक मास
१-भगवती, सूत्र शतक ६, उ०७, सूत्र ४