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अनुक्रम
• प्रकाशकीय
• अपनी वात १ महावीर की क्रान्ति-चेतना २ स्वातन्त्र्य बोध ४३ जनतान्त्रिक सामाजिक चेतना के तत्त्व xसमतावादी समाज-रचना के आर्थिक तत्त्व ५. सास्कृतिक समन्वय और भावनात्मक एकता ६ वीर भाव का स्वरूप ७. दिक् और काल की अवधारणा ८ वर्तमान युग की समस्याओ के परिप्रेक्ष्य मे
जैन दर्शन ६ शिक्षा और स्वाध्याय १० अनुशासन · स्वरूप और दृष्टि ११ ध्यान तत्त्व का प्रसार १२ धर्म : शक्ति और सीमा