________________
? Счете Р लिख चुके हैं ईश! कुछ लिखना अभी अवशेष है, लिखते हुये सम्प्रति-दशा होता हृदयको क्लेश है। हे पूज्यत्तम जिनराज मेरे चित्तमें जब आप हो, दुःसाध्य ऐसा कार्यक्या है जोन अपने आपहो।
चाहक-चकोरोंके लिये हो आप अनुपम चन्द्रमा, निर्दोष हो, गुणकोष हो, सर्वज्ञ हो परमातमा । उत्कृष्ट हो, जगइष्ट हो, सबलोकके भगवान हो, निष्काम हो, सुखधाम हो, बलवान हो, विद्वान हो। सब विश्व-जीवों को सदा सद्बोधके दाता तुम्ही, मद,मोह, मत्सर,लोभ,तृष्णा, क्रोधके घातातुम्हीं। हम आपकी सन्तान होकर आज हा । कैसेगिरे?
शुभ दिन हमारे देवसे सर्वेश । क्यों ऐसे फिरे? वैभव गया सब रंक हैं, विद्या गई अज्ञान हैं।
हा!हो गया सबही विदारूखा यहाँ अभिमान है । हम आज कोई कामके भी योग्य इस जगमें नहीं, स्वयमेव रक्षा कर सकें इतना सुघल तनमें नहीं।