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गिरनार पोर पत्रुजय तीर्थ क्षेत्रों में भी विपुलं धन राशि व्यय करके बैन शूरवीर भक्तों ने विचित्र मन्दिरों का निर्माण कराया।
(4) विजय नगर साम्राज्य:मुसलमानी माक्रांतामों के विरोध स्वरूप 'संगम' सरदार के पांच पुत्रों ने सन 1336 ई० में तुगभद्रा नदी के तट पर विजयनगर को बसाया। सन 1463 में 'हरिराय' का राज्य-अभिषेक किया गया। शक्ति संचय कर विजयनगर एक शक्तिशाली राज्य बन गया। 'कृष्णदेव राय' (1509-30) सर्वाधिक प्रसिद्ध प्रतापी एवं शक्तिशाली नरेश था। इस वंश के अन्य राजा भी सब धमों के प्रति अत्यन्त सहिष्णु थे।
इस वंश का 'देवराय द्वितीय' जैन धर्म का उपासक था। उसके राज्य में माचार्य 'नेमिचंद' ने शास्त्रार्थ में अन्य विद्वानों पर विजय पाई यो।
सन 1564 में 'तलीकोट' के युद्ध में दक्षिण के पांचों 'बहमनी उत्तानो' ने विजयनगर राज्य का विध्वंस कर दिया।
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