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श्री जिनेन्द्राय नमः न्यामत सिंह रचित जैन ग्रंथ माला-अंक ४
जैन भजन तरंगनी
१-स्तुति-प्रार्थना
श्रीमहाबीर भगवान की स्तुति ।
चाल-मेरे मौला चुनालो मदीने मुझे। तूने राहे सिदाकत दिखाया हमें ॥ है यह दुनिया अनादि बताया हमें ॥ टेक ॥
हो रहा है बेजुबानों पर जलम यहां रात दिन ।
बे खता गर्दन पे खंजर चल रहे हैं रात दिन ॥ ऐसे पापों से स्वामी बचाया हमें ॥ १ ॥
था गलत करताका हाऊकी तरह दिलमें खयाल ।
आपमे युक्तीसे कर खंडन दिया दिलसे निकाल । सच्ची बातों का हामी बनाया हमें ॥ २ ॥
झूट चोरी और दिलाजारी जिनाकारी दगा ।।
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