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२ अठारे पाप सेवाका त्याग करे ते छ्वमें कोण नवमें कोण व नव नवमें जीव संवर निर्जरा ३ सामायक छवसें कोण नवमें कोण छवमें जीव नवमें जौव संवर |
४ ब्रत छवसें कोण नवसें कोणा छवमें जीव नवमें जीव संबर |
५ व्रत छवसें कोण नवमें कोगा छवमें जीव नवमें जौव आसव |
६ अठारे पापको बहरमण छवमें कोण नवसे कोस छवमें जीव नवमें जीव सम्बर |
७ पञ्च महाव्रत छवमें कोण नवमें कोण छवमें जीव, नवमें जीव संवर ।
८ पांच चारित्र छवमें कोण नवमें कोगा छवमें जीव, नवमें जौव संवर |
६ पांच सुमती छवमें कोण नवसें कोण छवमें जौव, नवमें जीव, निर्जरा ।
१० तौन गुप्तौ छवमें कोण नवमें कोण छवमें जौव नवमे जीव, संबर ।
११ वारे व्रत व कोण नवमें कोण छवमें जीव, नवमे जव, संबर |
१२ धर्म छवमे कोण नवमे कोण छवमे जीव, नव