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( १३४ )
॥ लडी तेरमी ॥
छवमें नवमेंकी चरचा |
१ कमी को कर्त्ता छव द्रव्यमें कोण नव तत्वमें
कोण उत्तर कबमें जीव नवमें जीव आसव | २ कमीको उपावता छवमें कोण नवमें कोय उ० छवमें जौव नवमें जीव आसव |
३ कमीको लगावता छवमें कोण नवमें कोण उ० छवमें जीव नवमें जीव चासव |
४ कमीको कता छवसें कोण नवमें कोण उत्तर छवमें जीव नवमें जीव संबर |
५ कर्मको तोड़ता छवमें कोण नवमें कोण छवरें जीव नवमें जीव निर्जरा ।
६ कमीको बान्धता छवमें कोण नवमें कोण छवमें जीव नवमें जीव आक्षव ।
७ कर्माको मुकावता छत्र कोण नवमें कोण छव में जीव नवमें जोब मोक्ष |
॥ लड़ी चौदमी ॥
१ अठारे पाप सेवे ते छवमें कोण नवमें कोण छवमें जीव नवमें जीव आसव |
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