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पृथ्वीनाथ शर्मा
२३५ नाटक का अभिनय डेढ़ घण्टे से अधिक समय नहीं ले सकता । नाटकों में पात्रों की भीड़-भाड़ नहीं; सभी नाटकों में पात्रों की संख्या कम है-'दुविधा' में छोटे-बड़े ६, 'अपराधी' में १२ और 'उर्मिला' में १४ पात्र हैं। दृश्य-विधान संक्षिप्तता, पात्र, भाषा, संवाद आदि सभी की दृष्टि से नाटक रंगमंच पर लाए जा सकते हैं। चरित्र-चित्रण के हल्केपन, प्रभाव और कार्य-व्यापार की दृष्टि से भले ही इनमें कमी हो । 'उमिला' हर दृष्टि से शर्मा जी का सर्वश्रेष्ठ नाटक कहला सकता है।