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________________ २५३. संक्षिप्त इतिहास] माठकर्मनी १०८ प्रकृति २२६ । ऋषभदेव ५०, . भादिकाव्य (हिन्दीका) प्रापिदत्ताचरित्र ०१ भानन्दकवि ३० ऋषिराय १३५ भानन्दधन १५ भानन्दतिलक -६ एटा २०० आभीर २१ एल खारवेल १० भारा १.८, १६२, १.८, १९१, १२५,२०७, २०९ आशाधर कवि ४६ ओसवाल ५७, १३१, १६, १६५ भासकरन साधु २१० ओ इक्कीसठाणा १३५ इन्द्रजीत कवि २०२ इष्टोपदेशटीका २२. ईश्वरसूरि १७ उज्जैन ९१, १२, १३० उदयपुरराज्य १९६ उदयराज जती ११२ उदयवंत १५ उवएसमाला कहाणय छप्पय ३१ उस्मान १ करछमंडल ११० कणयंबर मुनि ९० कथाकोष छन्दोब २१७ कथासंग्रह १२५ कनौज २१ कपिस्थल ... | कबीर ५८, ६३, १५१, १९८ कमलनयमजी २१५, २१४ कमलकीर्ति ९७ कमला ९२ कम्पिलाजा की रथयात्रा ११५ कपरविजय ३११ कलकत्ता 10 कल्पवल्ली १३३ कल्याणकीर्ति मुनि १४ | कल्याणदेव १.१ ऋषभदास कवि ९९ ऋषभदास तिगोता २१०
SR No.010194
Book TitleHindi Jain Sahitya ka Sankshipta Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamtaprasad Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1947
Total Pages301
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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