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सोई भद्रबाहु स्वामी जी के पीछे अनुमान ३०० वर्षके पीछे विक्रम राजका साल पत्र शुरू हुआ और तिस के पीछे धर्म के समाज ऊपर अनेक २ उपद्रव पड़ते रहे क्योंकि राजा
ओं के और बादशाहों के दीन आदि के निमित्त अनेक क्लेश होते रहे ऐसे ही गड़बड़ होते २ अनुमान साल ५०५ के लगभग २७ वें पाट श्री ५ देवट्टी क्षमाशमन जी आचार्य हुए और उनके समय में सूत्रों की लिखित हुई और पूर्व का ज्ञान तो विछेद हो ही चुका था परंतु जितना उस समय में सूत्र ज्ञान था उतना लिखा नहीं गया और जितने सूत्र लिखे गये थे उनमें से बारह वर्षीय काल में कई एक तो विछेद गये और कई एक भंडारो में दबे पडे रहे
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