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है और सूत्रों के विषय ५ प्रकार की निद्रा || और भाव की कही है । सोई जो धर्म कार्य के निमित्त जागना है सो उत्तम है और जो धर्म कार्य सामाजिकादि के वक्त में सो रहना सो अनर्थ दण्ड है क्योंकि नींद के वश हो के नाहक्क सामाजिक आदि का लाभ खो देना है इति ॥ और २ विकथा प्रमाद सो स्त्री के रूप आदिक की कथा करनी और देशों के खाने पक्वान्न व्यञ्जन आदिक की कथा और देशों के चालचलन आदि चोरों की जारों की राजाओं की कथा और तेरी मेरी बातें करनी नाहक्क गाल मारे जाने बेफायदे और शास्त्र स्तोत्र का स्मरण न करना तथा अवतारों के नाम न लेने इत्यादि ॥ और ३ तीसरे विषय प्रमाद