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तथा कंद मूल खाय तथा मुर्गी आदिक के
अण्डे (वचे) मार खाय तो० ७ प्र० अधूरे गर्भ गल २ जायें किस कर्म से ? उ० पत्थर मार २ के वृक्ष के कच्चे पक्के फल फूल
पत्ते तोड़े तथा पंछियों के आलने तोड़े तथा
मकड़ी के जाले उतारे तो ? ८ प्र० गर्भ में ही मर २ जाय तथा योनिद्वार में आ
के मरे किस कर्म से ? उ० महाऽऽरम्भ जीव हिंसा करे मोटा झूठ बोले
तथा रूपोत्तम साधु को असूझता आहार
पानी देवे तो० ९ प्र० अन्धा किस कर्म से होय ? उ० मक्ष्यालय तोड़ के शहद निकाले भिंड ततइया
मच्छर को धूआं देके आग लगा के मारे
तथा क्षुद्र जीवों को डुबो के मारे तो० | १० प्र० काणां किस कर्म से होय ? ' उ० हरे वनस्पति का चूर्ण करे तथा फल फूल |
वा वीज वीधे तो
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