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विषय
अच्छा किंचित् स्वरूप है • कोई ऐसे तर्क करे कि साधु के लेने जाने और
पहुंचाने जाने मे क्या जीवहिंसा नहीं।
होती है तिस के प्रश्नोत्तर .... ११७ ३ तीसरा धर्म अङ्ग सो स्वात्म परात्म और
परमात्मा का कुछक स्वरूप है सूत्र की
शाख सहित .... .... .... १२२ ४ चौथा स्वमत परमत तर्क अङ्ग तिस में
वेदान्तो आयोदिक मतों के १० प्रकार
के प्रश्नोत्तर हैं .... .... १२७ || ५ पांचवां आत्म शिक्षा अङ्ग तिस मे अपने ' आप को सम्बोधन है और कुदेव कुगुरु
कुधर्म का किञ्चत नाम मात्र कथन है १३९ ६ छठा धर्म प्रत्ति अङ्ग तिस में भगवती जी
की शाख सहित अतीतकाल की अलोवना . वर्तमान काल का संवर अनागत काल आश्री पञ्चक्खान का स्वरूप है .... १४३