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लौछन कर्म । सो वेल, घोडा, खस्सी कराना तथा ऊंट, वैल को दाग देना तथा कुत्ता आदिक के कान, पूंछ काटने तथा चौर आदिक को बेंत लगाने और फांसी आदि देने का हुकम चढ़ाना पड़े ऐसी नौकरी सो इत्यादिक कर्म करे नहीं ।। ३ ।। तीसरा दवानि दान कर्म । सो वन में आग लगानी तथा खेत की बाड़ फूंकनी इत्यादि करे नहीं ॥४॥ चौथा शोपण कर्म । सो कूआ. तलाव आदिक का पानी सुकावे खेत में देने को तथा नया पानी पैदा करने को इत्यादि करे नहीं ॥ ५ ॥ पांचवा अमति जन पोपण कर्म । सो शोक के निमित्त तीतर. बटर. कवतर. कुत्ता. विल्ली. प्रमुख. पालने पोपणे तथा और दुष्ट शिकारी जन का पोषण इत्यादि कर्म
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