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लक्ष्यता करे कि जैसे १ पृथिवी काय जो पृथिवी रूप शरीर स्थित एकेन्द्रिय जीव हैंक्यों कि पृथ्वी सचेतन्य है, विना स्पर्श किसी एक जाति के शस्त्र के और ऐसे ही २अप्प काय जो पानी रूप शरीर स्थित जीव हैं,
और ऐसे ही ३ तेजः काय जो अग्नि रूप शरीर स्थित जीव हैं और ऐसे ही ४ वायु काय जो वायु रूप शरीर स्थित जीव हैं और ऐसे ही ५ बनस्पति काय जो बनस्पति रूप शरीर स्थित जीव वृक्षादि सूक्ष्म स्थूल सर्व हरि में जीव हैं तथासूके बीजों में भी योनी भूत वनस्पति जाति के जीव हैं यथा दश वैकालिक सूत्र अध्ययन४ “(वणस्सइकाइया सबीया चित्त मंतम रकाया) अर्थ वनस्पति काय (सबीया) बीज सहित (चित्तमंत मर