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मंग भूल हुई और मेंने बुरा किया परन्तु अब नहीं कम्गा इत्यर्थः ॥ और दूसरे वर्तमान काल का सम्बर अर्थात् पूर्व काल में जो अशुद्ध कर्म सेवन करे थे उन कमों का पश्चानापी होवे और आगे को शुद्ध कर्म अर्थात् दया सत्यादि अङ्गीकार करने को उत्साहह्वान होव और मिथ्यादि अशुद्ध, योगों को रोकता हुआ है. तिम् कारण वर्तमान काल में नंबर वान होता भया है इत्यर्थः । और तीमरे अनागत अर्थान जो काल अब नक आया नहीं हैं. आगे को आवेगा तिम आश्री पामान अर्शन हिंसा मिथ्यानादि कर्म का संपूर्ण नावधानानि देश मात्र प्रहार करे लिन सी विधि हरगति स जान लनी कि पसम नो पटकार प नीव के. वन्य की