________________
( १०० ) पडिकमणा करेंगे, और दीवा बालेंगे, इत्यादि सो तुम आप ही समझलो कि यह बूटेराव जी क्या लिखते हैं।
और फिर इनके चाल चलन बहुत से तो ९ नवम निन्हव से मिलते हैं क्योंकि आत्मा | राम ने भी अज्ञानतिमिरभास्कर ग्रंथ के द्वितीय खंड पृष्ठ४२ वीं पर लिखा है कि९ नवम निन्हव अच्छा है, हमारे से एक दो बात का फर्क है" इत्यादि० सो एक दो बात का फर्क तो इस वास्ते कहते हैं कि कभी हम ही को लोक निन्हव न कह देवें, असल में एक ही है।। | इत्यादि० कथन हमने उन्ही के बनाये | हुए ग्रंथों में से लिखे हैं सत्याऽसत्य को विद्वान् लोग विचारलेंगे भूल चूक मिच्छामि दुक्वडम् ॥
इति प्रथमो भागः ॥