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________________ परिचय खण्ड २ प्रकरण २ १७वीं शती के जैन गूर्जर कवि और उनकी कृतियों का पचरिय नयनसुन्दर, शुभचन्द्र भट्टारक, ब्रह्मजयसागर, रत्मकीर्ति भट्टारक, सुमति सागर, चन्द्रकीति, विनयसमुद्र, आनन्दवर्धनसूरि, मालदेव, ब्रह्मरायमल, कनकसोम, कुशललाम, साघुकीति, वीरचन्द्र, जयवन्तसूरि, मट्ठारक सकलभूषण, उदयराज, कल्याणसागरसूरि, अभयचन्द्र, समयसुन्दर, कल्याणदेव, कुमुदचन्द्र, जिनराजसूरि, वादिचन्द्र, मट्ठारक महीचन्द्र, संयमसागर, ब्रह्मअजित, ब्रह्मगणेश, महानन्दगणि, मेघराज, लालविजय, दयाशील, हीरानन्द (हीरो संधवी), दयासागर, हेमविजय, लालचन्द, भद्रसेन, गुणसागर सूरि, श्रीसार, बालचन्द्र, ज्ञानानन्द, हंसराज, ऋषभदास, कनककीर्ति ।
SR No.010190
Book TitleGurjar Jain Kavio ki Hindi Sahitya ko Den
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHariprasad G Shastri
PublisherJawahar Pustakalaya Mathura
Publication Year1976
Total Pages353
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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