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१७वीं और १८वीं शती के जैन-गूर्जर कवियों की हिन्दी कविता
प्रकरणानुक्रमणिका
भूमिका खण्ड १ विषय-प्रवेश प्रकरण : १ : आलोच्य कविता का सामूहिक परिवेश तथा पृष्ठभूमि ।
परिचय खण्ड २ प्रकरण : २ : १७वीं शती के जैन गूर्जर कवि और उनकी कृतियों का
परिचय ।
___ आलोचना खण्ड ३ प्रकरण : ४ : जैन गूर्जर कवियों की कविता में वस्तु-पक्ष । प्रकरण : ५ : जैन गूर्जर कवियों की कविता में कला-पक्ष । प्रकरण : ६ : जैन गूर्जर कवियों की कविता में प्रयुक्त विविध काव्य-रूप । प्रकरण : ७ : आलोच्य कविता का मूल्यांकन और उपसंहार ।