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प्रकरण ३
१८ वीं शती कत्र जैन गुर्जर कवि और उनकी कृतियों का परिचय
आनन्दधन, यशोविजयजी, ज्ञानविमलसूरि, धर्मवर्द्धन, आनन्दवर्द्धन, केशरकुशल, हैमसागर, वृद्धिविजयजी, जिनहर्ष, देवविजय भट्टारक शुभचन्द्र- २, देवेन्द्रकीर्तिशिष्य, लक्ष्मीवल्लभ, श्री न्यायसागरजी, अभयकुशल, मानमुनि, केशवदास, विनयविजय, श्री मद्देवचन्द्र, उदयरत्न, सौभाग्यविजयजी, ऋषभसागर, विनयचन्द्र, हंसरत्न, भट्टारक रत्नचन्द्र-२, विद्यासागर, खेमचन्द्र, लावण्यविजयगणि, जिनउदयसूरि, किशनदास, हेमकवि, कुशल, कनककुशल भट्टार्क, कुवरकुशल भट्टार्क, गुणविलास, निहालचन्द |