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दिगम्बर जैन साधु
मुनि श्री नमिसागरजी महाराज द्वारा दीक्षित शिष्य
क्षुल्लक श्री निर्वाण सागरजी
क्षुल्लक श्री निर्वाणसागरजी महाराज
आपका जन्म बेलगाँव, ताल्लुका अथनी (कर्णाटक) में हुआ था । आपका नाम निगप्पा था। आपके पिताजी का नाम सिंघप्पा और माता का नाम श्रीमती सत्यव्वा था । आपका विवाह हो गया था पर सव छोड़कर आपने अचानक श्री १०८ नमिसागरजी महाराजसे सन् १९८२ में जैसगपुर - उद्गाँव के बीच में स्थित कुञ्जवन में क्षुल्लक दीक्षा ले ली और अभी आप प्रोटीकडलूर में श्री १०५ आर्यिका सि० वि० विजयमती माताजी के संघ में हैं 1.
आप शान्त और गम्भीर स्वभाव वाले हैं ।